वो सुबह कुछ ही दूरी पर है..........
जब अधमुंदी नजरों से ...
दुनिया का हर बच्चा ...
ख्वाब सजाएगा अपनी पलकों से...
जब फूल गुलाब ....के नहीं ...
किसी बच्चे की मुस्कुराते लबों से .....
और दिलों में नफरत नहीं ....
प्यार लिए होंगे अपनों से ......
जब दुनिया में न होते हो युद्ध .....
और लड़ाईयाँ .........
हर कोई मोहब्बत्त करे ....
अपनों से ....परायों से ...
मैं इंतज़ार करुँगी ....
बेसब्री से ....
वो सुबह कहीं तो होगी ,....
जो भर दे हमारे दामन गुलाबों से ...
जब अधमुंदी नजरों से ...
दुनिया का हर बच्चा ...
ख्वाब सजाएगा अपनी पलकों से...
जब फूल गुलाब ....के नहीं ...
किसी बच्चे की मुस्कुराते लबों से .....
और दिलों में नफरत नहीं ....
प्यार लिए होंगे अपनों से ......
जब दुनिया में न होते हो युद्ध .....
और लड़ाईयाँ .........
हर कोई मोहब्बत्त करे ....
अपनों से ....परायों से ...
मैं इंतज़ार करुँगी ....
बेसब्री से ....
वो सुबह कहीं तो होगी ,....
जो भर दे हमारे दामन गुलाबों से ...
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