जल उठे थे बुझ के हम ;शमा -ए -लौ से प्यार की ;
फिर तेरी हर एक झलक , पे नज़रों को झुका जाना ;
गर कही जो चल पड़े ; तेरे बुलाने पे सनम ;
वो तेरा मंजिल -ए –इश्क , से वापस को बुला जाना ;
कई असर चलती रही , कूचा -ए -गुल में यार की ;
वो तेरा मुझको दीदार -ए –तर को तरसा जाना ;
गर कहीं तुम मिल गए किस्मत सराहेंगे कसम ;
वो तेरा खा कर कसम , हर कसम को झुठला जाना ;
रात की खामोशियाँ ,हमको सताती है "महक " ;
तेरी याद से रोज़ -रोज़ , दिल का यूँ धड़का जाना ;
मेरी चाहत का सिला क्या देंगी तेरी तल्खियाँ ;
वो तेरा हर मोड़ पर , दिल का बहला जाना ;
देख कर हम लुट गए , तेरे प्यार की रुसवाइयां ;
फिर कज़ा के वक़्त पर , चेहरे का मुरझा जाना ;
फिर तेरी हर एक झलक , पे नज़रों को झुका जाना ;
गर कही जो चल पड़े ; तेरे बुलाने पे सनम ;
वो तेरा मंजिल -ए –इश्क , से वापस को बुला जाना ;
कई असर चलती रही , कूचा -ए -गुल में यार की ;
वो तेरा मुझको दीदार -ए –तर को तरसा जाना ;
गर कहीं तुम मिल गए किस्मत सराहेंगे कसम ;
वो तेरा खा कर कसम , हर कसम को झुठला जाना ;
रात की खामोशियाँ ,हमको सताती है "महक " ;
तेरी याद से रोज़ -रोज़ , दिल का यूँ धड़का जाना ;
मेरी चाहत का सिला क्या देंगी तेरी तल्खियाँ ;
वो तेरा हर मोड़ पर , दिल का बहला जाना ;
देख कर हम लुट गए , तेरे प्यार की रुसवाइयां ;
फिर कज़ा के वक़्त पर , चेहरे का मुरझा जाना ;
सुन्दर रचना......खूबसूरत एहसास ..... अच्छे खयालात को खूब कलमबंद किया है आपने .... वाह बहुत उम्दा
ReplyDeletezarranawazi ke liye bahut bahut shukriya ,.... @hadi javed sahab ....
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