जुलूस
चौराहे पर भीड़ -भाड़,
भागम-भाग,
अलग-अलग,
लेकिन,
एक जैसे लगते लोगों का समूह ;
मानो घिसटता कोई ,
ठूंठ का जंगल,
जिधर से आता हुआ ,
उधर ही जाता हुआ रेला जैसे;
ट्रेफिक पुलिस के,
इशारे पर,
एक दुसरे के विपरीत,
आड़ी या खड़ी,
दो सामानांतर रेखाएं,
बनते हुए ,
ढेरों- ढेर बिंदु;
चल पड़े झुण्ड के झुण्ड,
बायीं ओर कहीं ,
दूर कहीं टिकीं हैं ,
उन सबकी नज़रें,
हत्प्रध ट्रेफिक पुलिस ठगा सा,
रुका ही रह गया,
उन्हें रोकता हुआ हाँथ उसका,
चलता हुआ जैसे जंगल,
सिर्फ हरा ही हरा दीखता है;
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